वोट चोरी: मिथक या हकीकत?
वोट चोरी: मिथक या हकीकत?
“वोट चोरी” (vote theft) आज भारत की राजनीति का सबसे गर्म मुद्दा है। राहुल गांधी और विपक्ष इसे सिस्टमैटिक चुनावी धांधली बता रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग और BJP इसे झूठा प्रोपगैंडा। आइए तथ्यों से समझें – क्या ये सिर्फ हार का बहाना है या लोकतंत्र पर हमला?
विपक्ष के सबूत (Congress + INDIA ब्लॉक)
- महादेवपुरा (बेंगलुरु): 1 लाख+ फर्जी वोटर – डुप्लिकेट EPIC, एक ही फोटो 22 बार, ब्राजीलियन मॉडल लारिसा नेरी की तस्वीर 22 बूथों पर!
- हरियाणा: 25 लाख वोट चोरी – एक महिला 223 बार रजिस्टर्ड, पोस्टल बैलट में BJP को 70% वोट जब EVM 99% चार्ज थीं।
- आलंद (कर्नाटक): 6,000+ कांग्रेसी वोटर डिलीट, ₹80 प्रति वोट की दर से 6 आरोपी पकड़े गए।
- बिहार SIR: लाखों गरीब-मुस्लिम वोटरों के नाम काटे जा रहे, CCTV 45 दिन बाद डिलीट।
चुनाव आयोग का जवाब
- “कोई अपील नहीं की गई, कोई सबूत नहीं” – CEC ज्ञानेश कुमार ने राहुल को 7 दिन में हलफनामा मांगा, नहीं तो माफी!
- “वोट चोरी शब्द संविधान का अपमान है” – EVM हैक-प्रूफ, कोई नेटवर्क नहीं, VVPAT स्लिप काउंट होती है।
- हरियाणा में कांग्रेस ने एक भी अपील नहीं की, 16 पिटिशन कोर्ट में लंबित।
EVM हैकिंग: मुमकिन या असंभव?
- हैक संभव: अमेरिकी रिसर्च (indiaevm.org) – चिप बदलकर 10% वोट चुराए जा सकते हैं। 2010 में हरि प्रसाद ने डेमो दिया था।
- ECI का दावा: 40 करोड़ वोट डाले, एक भी हैक प्रूफ नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में 100% VVPAT वेरिफिकेशन खारिज किया।
सच्चाई क्या है?
- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी → हकीकत (आलंद केस में 6 गिरफ्तार)
- EVM हैकिंग → सैद्धांतिक रूप से संभव, लेकिन बड़े पैमाने पर बिना पकड़े नामुमकिन
- राजनीतिक खेल → हारने वाली पार्टी हर बार EVM को दोष देती है (2019 में भी यही हुआ)
निष्कर्ष
वोट चोरी आधी हकीकत, आधी मिथक है। वोटर लिस्ट में धांधली के पुख्ता सबूत हैं, लेकिन EVM से 25 लाख वोट चुराने का दावा बिना कोर्ट केस के सिर्फ प्रोपगैंडा लगता है।
समाधान?
- मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट सार्वजनिक हो
- कोर्ट-मॉनिटर्ड EVM हैकाथॉन हो
- VVPAT 100% काउंट हो
अगर आपका वोट चोरी हुआ, तो votechori.in पर रिपोर्ट करें। लोकतंत्र बचाना है तो सड़क पर भी उतरना होगा – सिर्फ ट्वीट से नहीं चलेगा!
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