शून्य मुद्रा (Shunya Mudra)

 

शून्य मुद्रा (Shunya Mudra) 


अगर आप भी शून्य मुद्रा के फायदों का लाभ लेने चाहते हैं, तो इसका अभ्यास नियमित रूप से कर सकते हैं। इसे करना बहुत ही आसान है। आप इसके किसी भी शांतिपूर्ण जगह पर आसानी से कर सकते हैं। जानें इसे करने का सही तरीका-

  • - शून्य मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले किसी शांतिपूर्ण और हवादार जगह पर एक योगा मैट बिछा लें।
  • - इस पर पद्मासन या सुखासन में आराम से बैठ जाएं।
  • - इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डी, पीठ और गर्दन को एकदम सीधा रखें और तनाव मुक्त होकर बैठें।
  • - अब अपनी दोनों हथेलियों को अपने घुटनों पर रख लें। हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
  • - अपनी बीच वाली उंगुली को हथेली की तरफ मोड़ें। इसके ऊपर अपने अंगूठे को रखें। दूसरी सारी उंगुलियों को सीधा रखें।
  • - अपनी आंखों को धीरे-धीरे बंद कर लें। 
  • - इस दौरान आपको अपना ध्यान सांसों पर लगाना होता है। सांसों की गति सामान्य रखें।
  • - लगभग 5-15 मिनट तक इस अवस्था में रह सकते हैं। इसके बाद सामान्य अवस्था में आ सकते हैं।
  • - आप इस मुद्रा को सुबह या शाम के समय कर सकते हैं।
  • - इस मुद्रा को नियमित रूप से करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। 

शून्य मुद्रा के फायदे 

  • - शून्य मुद्रा को नियमित रूप से करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाया जा सकता है।
  • - इससे शरीर के अंगों में आने वाले सुन्नपन को दूर किया जा सकता है।
  • - कानों में होने वाले दर्द में भी शून्य मुद्रा फायदेमंद होता है। 
  • - शून्य मुद्रा कानों की सूजन को ठीक करने में भी लाभकारी होता है।
  • - शून्य मुद्रा करने से गले के रोगों को भी दूर किया जा सकता है। इससे आवाज साफ होती है। साथ ही गले के संक्रमण को भी इससे दूर किया जा सकता है।
  • - नियमित रूप से शून्य मुद्रा करने से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।
  • - जिद्दी बच्चों का मन शांत करवाने के लिए आप उनसे शून्य मुद्रा करवा सकते हैं। 
  • - मन की चंचलता को दूर करता है। एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप इसे रोजाना कर सकते हैं।
  • - वायु के विकारों को दूर करने के लिए भी इस मुद्रा को किया जा सकता है।
  • - यह जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस जैसी समस्याओं को भी ठीक करता है।
  • - शरीर में पित्त बढ़ने पर भी शून्य मुद्रा को करना फायदेमंद हो सकता है। 
  • - शून्य मुद्रा पित्त के रोग जैसे अस्थमा, चर्म रोगों को ठीक करने में मददगार होता है।
  • - इसके नियमित अभ्यास से इच्छा शक्ति मजबूत होती है।
  • - इससे मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।

शून्य मुद्रा करते हुए रखने वाली सावधानियां

किसी भी एक्सरसाइज, प्रणायाम या मुद्रा को करते हुए सावधानियां रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में शून्य मुद्रा करते हुए रखने वाली सावधानियां- 

  • - अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या है, तो आपको इसे करने से बचना चाहिए। लेकिन अगर आप करना चाहते हैं, तो इस मुद्रा को करने से पहले हाथों की अच्छे से तेल से मालिश कर लें।
  • - इस मुद्रा को हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए। भोजन करने के बाद कभी भी इस मुद्रा को नहीं करना चाहिए।
  • - इस मुद्रा को रोजाना करने से ही फायदा मिल सकता है।
  • - इस मुद्रा को करते हुए उंगुलियों पर जोर न लगाएं। ऐसा करने से दर्द महसूस हो सकता है।
  • - अगर आपकी पीठ में दर्द है या चोट लगी है, तो भी इस मुद्रा को करने से बचना चाहिए।
  • - अच्छे परिणाम के लिए आपको इस मुद्रा को रोज करना चाहिए। 

आप भी घर पर आसानी से शून्य मुद्रा कर सकते हैं। लेकिन शुरुआत में इसे किसी योग गुरु की देखरेख में ही करें। इसके फायदों का लाभ पाने के लिए इसे नियमित रूप से और सही तरीके से करना जरूरी होता है। 






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